हमारे बारे में

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गतिशीलता से विकास

राइट्स लिमिटेड, रेल मंत्रालय के अंतर्गत 26 अप्रैल, 1974 को निगमित, एक नवरत्‍न और अनुसूची 'ए' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम, एक बहु-विषयक इंजीनियरिंग और परामर्शी संगठन है. यह परिवहन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और संबंधित प्रौद्योगिकियों के सभी पहलुओं के संबंध में संकल्‍पना से स्‍थापना तक व्‍यापक सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी ने अपने बाजार पूंजीकरण के फलस्‍वरूप भारत में शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों में स्‍थान बनाया है, जो इसके प्रतिभाशाली पेशेवरों द्वारा प्रदान किए जा रहे उच्च गुणवत्ता वाले समाधानों और सेवाओं का प्रमाण है।

परिवहन परिदृश्य को आकार देना

राइट्स की भारत में परिवहन परामर्श और इंजीनियरिंग क्षेत्र में अग्रणी भूमिका है, जो एक ही छत के नीचे विविध प्रकार की सेवाएँ प्रदान करता है। रेलवे, राजमार्ग, मेट्रो, सुरंग, पुल, शहरी इंजीनियरिंग, सस्‍टेनेबिलिटी और ग्रीन मोबिलिटी, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रोपवे, संस्थागत भवनों, अंतर्देशीय जलमार्गों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विविधतापूर्ण सेवाएं प्रदान करने और भौगोलिक पहुंच के मामले में राइट्स का विशिष्ट स्थान है।

स्‍थापना भारत में, पहुंच विश्‍व में

अपनी लगभग पांच दशक लंबी यात्रा में राइट्स ने स्‍वयं को एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व क्षेत्रों के 55 से अधिक देशों में ग्राहकों के लिए पसंदीदा विकल्प के रूप में स्थापित किया है। कंपनी रोलिंग स्टॉक (लोकोमोटिव, कोच, ट्रेनसेट आदि सहित) प्रदान करने के लिए भारतीय रेल की निर्यात शाखा है।

इनोवेशन, एक्‍सीक्‍यूशन, ट्रांसफॉर्मेशन

राइट्स भारत सरकार के महत्वपूर्ण, दीर्घकालिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों के साथ सस्‍टेनेबल गतिशीलता कार्यक्रम के अनुरूप कार्य कर रहा है। परिचालन निष्‍पादन उत्कृष्टता के प्रति एक सस्‍टेनेबल दृष्टिकोण बनाए रखते हुए, संगठन ने 5000 से अधिक परियोजनाओं का कुशल निष्पादन कर अपनी क्षमता का परिचय दिया है। इसमें असम के डिब्रूगढ़ में बोगीबील ब्रिज से लेकर जो ब्रह्मपुत्र पर भारत का सबसे लंबा सड़क-सह-रेल पुल है, गुजरात में अहमदाबाद में मेट्रो कार्य और जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल रेलवे सुरंग से लेकर आंध्र प्रदेश में मछलीपट्टनम बंदरगाह तक, जैसी जटिल परियोजनाएं भी शामिल हैं।